बजरंग बाण

बजरंग बाण: अर्थ, शक्तियाँ, लाभ और पाठ विधि

लेखक: गोस्वामी तुलसीदास जी


🔰 बजरंग बाण क्या है?

बजरंग बाण भगवान हनुमान को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है जिसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी। जहाँ हनुमान चालीसा शांतिपूर्ण स्तुति है, वहीं बजरंग बाण को आपातकालीन संकटों में रक्षा हेतु शस्त्र समान माना जाता है

“बाण” का अर्थ है “तीर” – यह स्तोत्र हनुमान जी की शक्ति को तुरंत बुलाने के लिए एक आध्यात्मिक अस्त्र है।

श्री बजरंग बाण का पाठ इन हिंदी लिरिक्स

दोहा :
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

चौपाई :
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥
इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

दोहा :
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

📖 रचना और अर्थ

  • भाषा: अवधी और संस्कृत का मिश्रण

  • पंक्तियाँ: लगभग 40–45

  • विषय: संकट निवारण, बुरी शक्तियों से रक्षा, हनुमान जी की याचना

  • रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास जी, हनुमान चालीसा और रामचरितमानस के रचयिता


🌟 बजरंग बाण के लाभ

लाभ विवरण
🛡️ रक्षा कवच बुरी नजर, भूत-प्रेत बाधा, तांत्रिक प्रभाव से रक्षा करता है
🧘 मानसिक बल डर, चिंता और आत्मविश्वास की कमी को दूर करता है
🌌 नकारात्मक ऊर्जा की सफाई वातावरण और विचारों को शुद्ध करता है
💼 आपातकालीन संकट में सहायक कोर्ट-कचहरी, बीमारी या अचानक आई परेशानी में चमत्कारी लाभ
🔥 हनुमान जी की तात्कालिक उपस्थिति संकट में तुरंत सहायता का अनुभव होता है

🕰️ बजरंग बाण कब पढ़ना चाहिए?

  • जब आप किसी भय, अज्ञात संकट या मानसिक अशांति से ग्रसित हों

  • मंगलवार और शनिवार को विशेष फलदायी

  • शनि दोष या राहु-केतु दोष हो

  • नियमित रूप से नहीं, बल्कि आवश्यकता अनुसार पढ़ें


✍️ बजरंग बाण की कुछ पंक्तियों का भावार्थ

  • “जय हनुमंत संत हितकारी, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी”
    → हे हनुमान जी, संतों के हितैषी, हमारी प्रार्थना सुनें।

  • “जय जय जय धुनि होत आकाशा, सुमिरत होत दुःख भय नाशा”
    → आपका जयकार गगन तक गूंजता है, जिससे सारे दुख और भय मिटते हैं।

  • “नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा”
    → जो आपके नाम का जप करता है, उसकी सभी पीड़ाएँ दूर हो जाती हैं।


⚠️ बजरंग बाण पाठ के नियम

✅ करें ❌ न करें
स्नान करके शुद्ध होकर पाठ करें मज़ाक या हल्के भाव से पाठ न करें
संकट या विशेष अवसर पर ही करें रोज़ाना करने की सलाह नहीं दी जाती
पाठ से पहले ध्यान और समर्पण रखें रात में अनावश्यक पाठ न करें

🛕 बजरंग बाण पाठ विधि

  1. सुबह स्नान कर साफ लाल वस्त्र पहनें

  2. हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएं

  3. “ॐ हनुमते नमः” का 11 बार जप करें

  4. बजरंग बाण का पाठ करें (पूरा स्तोत्र)

  5. अंत में हनुमान आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं


🎧 बजरंग बाण डाउनलोड या सुनें


🙋 बजरंग बाण (FAQs)

❓ बजरंग बाण किसने लिखा?

उत्तर: यह स्तोत्र गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित माना जाता है।


❓ क्या बजरंग बाण रोज पढ़ सकते हैं?

उत्तर: नहीं, यह स्तोत्र केवल संकट या विशेष आवश्यकता के समय ही पढ़ना चाहिए।


❓ हनुमान चालीसा और बजरंग बाण में क्या अंतर है?

  • हनुमान चालीसा: शांतिपूर्ण स्तुति, दैनिक पाठ हेतु

  • बजरंग बाण: शक्तिशाली रक्षा स्तोत्र, विशेष स्थितियों में


❓ क्या बजरंग बाण से तांत्रिक बाधा दूर होती है?

उत्तर: हाँ, श्रद्धा और नियम से पाठ करने पर नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।


❓ सबसे उत्तम समय क्या है बजरंग बाण के पाठ का?

उत्तर: प्रातःकाल, विशेषकर मंगलवार या शनिवार को स्नान के बाद।

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